परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- अधिक मात्रा में रस, सूप, तरल आहार और मिनरल वाटर लें।
- दूध और इससे बने पदार्थ लें।
- वे आहार लें जिनमें उच्च जैविक मान वाले प्रोटीन हों, जैसे कि अंडे, मीट पेस्ट, मछली, पोल्ट्री उत्पाद।
- अधिक शक्कर वाले रिफाइंड आहार जैसे कि शहद, जैम, शक्कर की गोलियाँ, जेली, ग्रास जेली, समुद्री वनस्पति आहार।
- आँतों की हलचल कम करने के लिए कम-रेशे वाले आहार, पके हुए फल, आलू, आदि लें।
- पतले रेशे युक्त या घुलनशील रेशे युक्त सब्जियाँ: पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर आदि।
- जिनकी गंध तीव्र हो जैसे कि प्याज़, लहसुन।
- सभी मसाले जैसे कि, मिर्च, मिर्च
का सॉस, सिरका। - गैस बनाने वाले आहार जैसे कटहल, डूरियन (कटहल का अन्य प्रकार), अन्नानास।
- उच्च रेशे युक्त आहार. सब्जियाँ जिनमें उच्च मात्रा में रेशा/अघुलनशील रेशा हो जैसे: केल, पपीता, शक्करकंद, साबुत अनाज (भूरे चावल, मसले चावल, मक्का,)।
- मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले हुए आहार, मिठाईयाँ, गाढ़ी मलाई डाले सूप्स सभी को बिलकुल नहीं खाना चाहिए।
घरेलू उपाय (उपचार)
- कुनकुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीना टाइफाइड में अत्यंत हितकारी होता है।
- उबला और उचित तरीके से छना हुआ पानी पीयें।
- केवल उबला आहार लें और बाहरी खाने से परहेज।
- यदि आपके द्वारा रोग फैलने की संभावना है तो भोजन और अन्य घरेलू वस्तुओं की देखभाल ना करें।
- डॉक्टर ने जितने समय के लिए एंटीबायोटिक कहे हों उतने समय तक लें।
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